Welcome to my new Poetry blog
-
विशेष रुप से प्रदर्शित
Welcome to My New Poetry Blog
Be yourself; Everyone else is already taken. — Oscar Wilde. This is the first post on my new blog. I’m just getting this new blog going, so stay tuned for more. Subscribe below to get notified when I post new updates.
-
कविवार (My Sunday Poetry)
तुमने मेरे भीतर जितना कुछ पाना चाहा है हम उससे ज्यादा तुझमे अपना खो कर बैठे हैं एक हादसा भूलने को हमें दूसरा हादसा चाहिए हम इन हादसों के इतने आदी हो कर बैठे हैं इस दरिया के पार जाने की जिन्हें इतनी पड़ी है वो पहले से अपनी नाव खुद ही डुबो कर बैठे… और पढ़े
-
कविवार (My Sunday Poetry)
यूँ तो शिकायतें हमें पहले भी कम न थीं मगर सुना है, तेरे शहर की हवा अब ज्यादा खराब है इन चेहरों पर पहले से ही जाने कितने नकाब थे मगर इन दिनों नकाबों के ऊपर एक और नकाब है इस भागदौड़ की कोई मंजिल दिखी नहीं अब तक कभी पहुँचना कहीं नहीं है, बस… और पढ़े
Follow My Blog
Get new content delivered directly to your inbox.