Welcome to my new Poetry blog
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विशेष रुप से प्रदर्शित
Welcome to My New Poetry Blog
Be yourself; Everyone else is already taken. — Oscar Wilde. This is the first post on my new blog. I’m just getting this new blog going, so stay tuned for more. Subscribe below to get notified when I post new updates.
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कविवार (My Sunday Poetry)
बह जाता है मेरे नीचे से हमेशा एक पूरा संसारजब मैं किसी पुल से गुजरता हूँछिटक जाती हैं कितनी गलियाँ, चौराहे,घर-द्वारजब मैं किसी पुल से गुजरता हूँ। कुछ दूर के आशियानों तक पहुँच बनाने के लिएकई पास वाले घरौंदे ही हो जाते हैं पहुँच के पारजब मैं किसी पुल से गुजरता हूँ। वे जो कुछ… और पढ़े
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कविवार (My Sunday Poetry)
हाँ, ये मालूम है कि ये पर्वत हिलेंगे नहीं अपनी जगह सेअपने हौसलों से इसे हिलाने की थोड़ी कोशिश तो करो ये जो वक्त के दरवाजे हैं, माना ये खुले नहीं कई युगों सेइन्हें कभी धीमे से खटखटाने की थोड़ी कोशिश तो करो वो जो नजरें चुरा लेते हैं तुमसे हर बार इन महफिलों मेंउनसे… और पढ़े
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